दुख में लीन है सोशल मीडिया।

ना जाने कब तक अखबारों में, सहादत के किस्से आएंगे, ना जाने कब तक मासूम भारतवासी अपनी जान गवाएंगे। ये आजादी है, कुछ देती भी है, कुछ लेती भी है, यह सोच कर हम फिर उन्हें भूल जाएंगे। क्या हमे फर्क पड़ता भी है? क्या हम वो महसूस करते है? जो ठंड से मरे, जो… Continue reading दुख में लीन है सोशल मीडिया।